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कैसे बनाए शेफ के रूप में कैरियर

यदि आपकी रुचि खाना बनाने में है तो आपके लिए शेफ के रूप में कैरियर बनाना बेहतर रहेगा। विगत वर्षो में जिस तरह होटेल एंड हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में उससे शेफ की मांग भी तेजी से बढ़ी है। जिसे देखकर कहा जा सकता है, इस क्षेत्र में अपार संभावनाए है।

कैसे बनाए अनुवादक (Translator) के रूप में कैरियर

किसी एक भाषा में कही गयी किस बात को अन्य भाषा में रूपांतर करने को अनुवाद कहते हैं। जैसे-जैसे विश्व वैश्विक गांव (Global village) के रूप में परिवर्तित होता जा रहा वैसे-वैसे ही परस्पर संचार के लिए अनुवादकों की मांग भी बढ़ती जा रही है। तकनीकी के प्रयोग के साथ-साथ मशीनी अनुवाद अर्थात कंप्यूटर द्वारा किए जाने वाले अनुवाद का चलन भ बढ़ा परंतु इसके इसके परिणाम शत प्रतिशत नहीं आए है और कंप्यूटर द्वारा किए गए अनुवाद को शुद्धीकरण के लिए मानवीय अनुवादकों ही आवश्यकता पड़ती है।

डीटीपी आॅपरेटिंग भी है कैरियर का विकल्प

डीपीटी आॅपरेटिंग कैरियर का ऐसा विकल्प है जिसके बारे जनता देखने और सुनने को नहीं मिलता है, पर यह यह कैरियर का विकल्प बन सकता है। इसके लिए आपको किसी प्रकार की तकनीकी योग्यता की आवश्यकता नहीं होती है। यह ऐसा कोर्स जिसे बहुत ही सरलता के साथ बहुत ही कम फीस खर्च करके किया जा सकता है।

ग्राफिक डिजाइनिंग (Graphic Designing) से दीजिए अपने कैरियर को नई पहचान

यदि आप क्रियटिव है और इस क्षेत्र में कुछ करना चाहते हैं तो आपके लिए ग्राफिक डिजाइनर एक बेहतर विकल्प हो सकता है। वर्तमान समय में ग्राफिक आर्ट का प्रयोग बहुत अधिक किया जा रहा है, इस दृष्टि से इस क्षेत्र में अपार संभावनाए है।

ग्राफिक डिजाइन क्या करते हैं?
एक पुरानी कहावत है जो बात सौ शब्द नहीं कह सकते है, उन्हें एक चित्र के साथ कहा जा सकता है। ग्राफिक डिजाइन काम किसी भी प्रस्तुति को दृश्यात्मक रूप आकर्षक बनाना है। यह ऐसी कला है जिसमें किसी भी संदेश को टेक्सट तथा ग्राफिक के द्वारा प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया जाता है। इस प्रकार का मैसेज ग्राफिक्स, लोगो, ब्रोशर, न्यूज लेटर, पोस्टर या फिर किसी भी रूप में हो सकता है।

Munh se painṭing karane vaalaa shakhsah henaree frijar

vah ragbee kaa prasiddh khilaadee thaa. Ragbee usakaa joonan thee lekin kismat ko kuchh hee tej bhaagate kadamon ko jaise kisee kee najar lag koii. Ek haadase unake saare aramaanon ko maṭiyaameṭ kar diyaa ab ragbee unake lie ek sapanaa see ban ga_ii. Huaa yoon ki varṣ 2009 men purtagaal men chhuṭṭee maanane ke lie ga_e the doston ke saath tairaagee ke dauraan henaree kaa sir patthar se ṭakaraa gayaa aur unake sir aur reeḍh kee haḍaḍaee par gnbheer choṭe lagee. Lekin henaree frijar aise shakhs kahaan haar maanane vaale hote hai unhonne to bas apanaa sapanaa hee dikhaa_ii detaa hai, unhen bas kaise n kaise apanee mnjil paanee hotee hai. 

मुँह से पैंटिंग करने वाला शख्स: हेनरी फ्रिजर

वह रग्बी का प्रसिद्ध खिलाड़ी था। रग्बी उसका जूनन थी लेकिन किस्मत को कुछ ही तेज भागते कदमों को जैसे किसी की नजर लग कोई। एक हादसे उनके सारे अरमानों को मटियामेट कर दिया अब रग्बी उनके लिए एक सपना सी बन गई। हुआ यूं कि वर्ष 2009 में पुर्तगाल में छुट्टी मानने के लिए गए थे दोस्तों के साथ तैरागी के दौरान हेनरी का सिर पत्थर से टकरा गया और उनके सिर और रीढ़ की हड्डी पर गंभीर चोटे लगी। लेकिन हेनरी फ्रिजर ऐसे शख्स कहां हार मानने वाले होते है उन्होंने तो बस अपना सपना ही दिखाई देता है, उन्हें बस कैसे न कैसे अपनी मंजिल पानी होती है। हेनरी फ्रेलर ने हार नहीं मानी उन्हें हाथ-पैरों से लाचार होने के बावजूद  मुँह से पैंटिंग करना शुरू कर दिया।

विकलांगता के बावजूद भी अपनी मंजिलों पर पहुँची मुनिबा मजारी

मुनिबा मजारी को पाकिस्तान की आयरन लेडी माना जाता है। वे संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की पाकिस्तान की नेशनल एम्बेस्डर हैं। मुनिबा का जन्म एक बलोच पुरिवार में हुआ था। मुनिबा बचपन में पेंटर बनना चाहती थीं लेकिन रूढ़िवादी परिवार से ताल्लुक रखने के कारण वे ऐसा नहीं कर पाई । 18 साल की उम्र में उन्होंने अपने पिता के कहने के लिए मजबूर होना पड़ा। शादी के दो-तीन साल बा हुई एक दुर्घटना ने उनके जीवन को बदल कर रखा दिया। एक दिन वह अपने पति के साथ कहीं जा रही रही थी कि उनका पति कार चलाते हुए सो गए और गाड़ी के बेकाबू हो जाने के बाद वो खुद बाहर कूद गए मगर मुनिबा कार के अंदर रह गईं। दुर्घटना में बुरी तरह घायल हुईं। ढाई महीनों तक अस्पताल में रहने के दौरान जब वो बाहर आईं तो पहले की तरह वो अपने पैरों पर खड़ी होने लायक नहीं थीं। डॉक्टर ने उन्हें बताया कि वो अब कभी माँ भी नहीं बन सकेंगी। इस बात ने मुनिबा को पूरी तरह से तोड़ कर रख दिया उसकी तो समझो बस जिंदगी ही कहीं थम सी गई। उसके लिए अब जीवन के कोई अर्थहीन हो गई।

बिना हाथ पैर के जीवन में सफलता पाने वाला व्यक्ति- निकोलस वुजिसिक

निकोलस वुजिसिक का जन्म 1982 को मेलबोर्न, ऑस्ट्रेलिया में हुआ, उनका जन्म ही बिना हाथ और पैरो के हुआ था। बावजूद इसके उन्होंने जीवन में कभी हार नहीं मानी। हाथ-पैरो के बिना प्रारंभिक जीवन बिताना उनके लिये काफी मुश्किल था। बचपन से ही उन्हें काफी शारीरिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा था। लेकिन अपने जीवट और जज्बे के दम पर उन्होंने इस विकार से हार नही मानी, और हमेशा वे औरो की तरह जिन्दगी को जीने की कोशिश करते रहे।

अनमोल सुक्तिकोश-12

अपनी शक्ति के अनुसार
-एमिल
कल न जाने हम कहीं हो अतः आज ही जिएं
-सेचलर
प्रतीक्षा करने से बेहतर खतरों से आधे रास्ते मे मिलना अच्छा है।
-डेकन
स्पष्ट और सबल उद्देश्य के अतिरिक्त सफलता का अन्य कोई उपाय नहीं है।
-टी.टी मंगर

सफलता के लिए परिश्रम के साथ प्रयास करें

सफलता प्राप्त करने के लिए मात्र सोचने ही काम नहीं चल जाता, इसके लिए परिश्रम के साथ प्रयास करना सर्वाधिक आवश्यक होता है। सफलता के लिए कार्य का उपयुक्त परिणाम अति आवश्यक होता है। आपका परिश्रम के साथ किया गया प्रयास उपयुक्त परिणाम उपलब्ध कराएगा। परिश्रम के साथ प्रयास न करने की स्थिति में प्रतिकूल परिणाम ही प्राप्त होंगे। परिश्रम के साथ किया गया प्रयास ही उपयुक्त परिणाम में परिवर्तित होगा। कार्य का परिणाम किसी और के हाथ में नहीं स्वयं आपके हाथ में है, आप जितने परिश्रम के साथ प्रयास करेंगे वैसा ही परिणाम प्राप्त होगा। चाय में जितनी चीनी डालोगे उतनी ही चाय मीठी बनेगी। परिश्रम रूपी चीनी के न डालने पर परिणाम रूपी मिठास किसी स्थिति में प्राप्त नहीं हो सकती है। उदाहरण के लिए किसी छात्र को परीक्षा में श्रेष्ठ परिणाम प्राप्त करना है तो उसे परिश्रम के साथ प्रयास कर करना होगा।

कल्पना के पंखों से भरे सफलता की उड़ान

शाब्दिक दृष्टि से कल्पना और यथार्थ दो विपरीतार्थक शब्द है। जहां कल्पना के पंख होते है, वहीं यथार्थ का स्थिर आधार होता है। कल्पना चंचल और उन्मुक्त होती है तो यथार्थ धीर-गंभीर होता है। बावजूद इसके ‘सफलता’ की दृष्टि से दोनों शब्दों के बीच घनिष्ठ संबंध होता है। कल्पना ही यथार्थ का आधार बनती है। ‘यथार्थ’ का उद्भव कल्पना से ही होता है। कल्पना ही यथार्थ की जननी होती है। इसे एक उदाहरण के द्वारा ऐसी भी समझता जा सकता है। किसी चित्रकार की चित्रकारी या मूर्तिकार की मूर्ति यथार्थ रूप लेने से पूर्व एक कल्पना ही होती है। यहाँ एक बात समझ लेना आवश्यक है कि कल्पना को यथार्थ में बदलने के लिए विश्वास के साथ परिश्रम करना पड़ता है। विश्वास हो कि जो कल्पना आपने की है उसे आप यथार्थ रूप देने में समर्थ हैं।

सकारात्मक सोच एवं नजरिया

‘सफलता’ के लिए आपकी सोच भी उत्तरदाई है। आप सफलता के लिए अपने लक्ष्य के प्रति कैसा नजरिया रखते हैं। एक पुरानी कहावत है कि ‘मन के हारे हार है मन के जीते जीत’ अर्थात हार जीत तो बस हमारी सोच है, हम उसके प्रति किस प्रकार सोचते हैं। नकारात्मक सोचने पर जीत भी हार के समान है। सकारात्मक सोचने पर हार भी जीत के समान है। जीत हार, हर्ष, उल्लास, सफलता, असफलता सब मन से उपजती है। हमारी सोच से उपजती है। कई परिस्थितियों में व्यक्ति हार कर भी जीत जाता है। यहाँ एक कहानी का विवरण दिया जा रहा है। आप में से बहुत से लोगों ने संभवतः यह कहानी सुनी भी होगी। 

दृढ़ निश्चय

जीवन में कुछ व्यक्तिगत गुण आपके समूचे जीवन को बदल देते हैं, दृढ़ निश्चय उनमें से एक है। सफलता प्राप्त करने के लिए दृढ ़निश्चय अति आवश्यक है। सफल बनने के लिए सबसे पहला पड़ाव है ‘लक्ष्य’ निर्धारण। लक्ष्य निर्धारण के पश्चात उस लक्ष्य के प्रति दृढ़निश्चयी बनने की आवश्यकता होती है। अक्सर देखा जाता है, किसी व्यक्ति विशेष ने अपना ‘लक्ष्य’ तो निर्धारित कर लिया पर वह उसके प्रति दृढ़ निश्चयी नहीं। 

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इंटरनेट के इस दौर में पारंपरिक शिक्षा अर्थात स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी से हायर एजुकेशनल डिग्रीज हासिल करने के अलावा भी विद्यार्थी विभिन्...