स्पेशल एजुकेटर खासकर शारीरिक रूप से विकलाग, मानसिक रूप से मंद, आटिज्म से पीड़ित बच्चों को अतिरिक्त सहायता देकर सीखने में मदद करते है। सीबीएई ने स्पेशल एजुकेटर की नियुक्ति को अनिवार्य कर दिया है। इस दृष्टि से आने वाले समय में स्पेशल एजुकेटर की मांग तेजी से बढ़ने की संभावना है। इस पोस्ट में हम आपको स्पेशल एजुकेटर कैसे बने इस संबंध में जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं।
कौन-से कोर्स करें
इस क्षेत्र में जाने के लिए आप स्पेशल एजूकेशन में डिग्री कोर्स या बीएससी इन स्पेशल एजुकेशन कर सकते है। इस क्षेत्र में डिप्लोमा स्तर के भी कई कोर्स चलाए जा रहे हैं। इसके अलावा इसमें एमएससी, एमफिल, पीएचडी सभी लेवर पर कोर्स उपलब्ध है। स्पेशल एजूकेशन में बी.एड़ की जा सकती है। स्पेशल एजूकेशन में बी.एड नियमित पाठ्यक्रम के अलावा दुरस्थ शिक्षा के माध्यम से भी की जा सकती है। यह ध्यान रहे कि इस क्षेत्र में किया जाने वाला कोई भी कोर्स रिहैबिलिटेशन काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता प्राप्त होना चाहिए।
कहां हैं अवसर
राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती मांग ने इस क्षेत्र को विशेष बना दिया है। समय के साथ-साथ इस क्षेत्र में अपार संभावनाए बढ़ रही हैं। सरकारी शिक्षा कार्यक्रम में इसको शामिल किया जा रहा है। कोई भी स्पेशल एजुकेटर स्कूल-काॅलेज के अतिरिक्त, एनजीओ, प्राइवेट और सरकारी अस्पताल, क्लिनिक में नौकरी तलाश कर सकता है। इतना ही नहीं, स्पेशल एजूकेटर के लिए विदेशों में काफी अवसर है। स्पीच एंड लैंग्वेज पैथोलाॅजी में ग्रेजुएट होने के साथ अनुभवी व्यक्ति आॅस्टेªेलिया, यूके व यूरोप के अन्य देशों में जा नौकरी तलाश सकता है।
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