एक ऐसा शख्स जो अपने पैरों से कार चलता है

मनुष्य के पास यदि साहस हो तो वह कुछ भी करके दिखा सकता इसकी जीती जागती मिशाल है विवेक अग्निहोत्री। सात वर्ष की आयु में ही विक्रम के दोनों हाथ करंट लगने से खराब हो गए थे और उन्हें काटना पड़ता था। हाथ मनुष्य का सहारा होते है और वे ही काट दिए जाए तो समझो उसकी दुनिया की उजड़ गई। दोनों हाथ कटने के बाद भी विक्रम ने हार नहीं मानी थी, परंतु आपको सुनकर हैरानी होगी कि वह हाथ से होने वाले काम पैरों के सहारे कर लेते हैं। वह को तैराकी कर लेते हैं और कार भी चला लेते हैं। उन्होंने रेग्युलर स्कूल में अपनी पढ़ाई पूरी की है। उनके  पास मास्टर डिग्री है और वह मोटिवेशनल स्पीकर होने के साथ ही गैस एजेंसी भी चलाते हैं।

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इंटरनेट के इस दौर में पारंपरिक शिक्षा अर्थात स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी से हायर एजुकेशनल डिग्रीज हासिल करने के अलावा भी विद्यार्थी विभिन्...