अनमोल सुक्तिया भाग-1

संकट से मुँह मोड़ेगे तो जहाँ हो, वही पड़े रह जाओगे
-कालाईल
हर आदमी की जिंदगी मे एक मोड़ जरूर आता है।
-फ्रायड
मौन से शांति रहती है
-स्वामी विवेकानंद
जिसमें तुम्हारा कोई वश नहीं उसके लिए दुख करना छोड़ दो।
-शैक्सपियर



जो मिथ्या है वह हमें सत्य लगता है और सत्य है वह मिथ्या लगता है।
-समर्थगुरू रामदास
मानवता प्रकाश की वह नदी है जो सीमित से असीम की ओर बहती है।
मानवता, मुक्त होने की इच्छा महान पुरुषों का संग ये तीनों भगवत कृपा से प्राप्त होने वाली बड़ी ही दुर्लभ वस्तुएं हैं।
-शंकराचार्य
जैसे सूर्य आकाश में छिपकर नहीं दिख सकता वैसे ही महापुरुष भी संसार में छिपकर नहीं रह सकते।

स्वार्थ पर हर एक रिश्ता टिका है
- चार्वाक
मृत्यु जीवन का नया द्वारा है
-भृगु
मन का मैल जल्दी नहीं धुलता है।
-सुकरात
किसी की राह मत देखो, खुद आगे बढ़ो मंजिल मिलेगी।
-डेल कारनेगी
महापुरुष अपनी राह स्वयं बनाते हैं।
-सुभाषित
धन के अभाव में विश्व मे जो लोग मित्रों को कार्य करते है, उन्हें ही मित्रा समझता हूँ। अच्छी स्थिति वाले व्यक्ति की वृद्धि में कोन साथ नहीं देता?
-बुद्ध चरित्रा
मित्रा के तीन लक्षण है-अहित में हटना, हित में लगाना और मुसीबत में साथ न छोड़ना।
-बुद्ध चरित्र
सच्चा मित्र वह है जो दर्पण की तरह तुम्हारे दोषों की तुम्हें दर्शाये। जो तुम्हारे अवगुणों को गुण बताए वहतो खुशामदी है।
-फूलर
जिसको रहस्य गोपनीय रखना नहीं आता वह सफलता का मुंह नहीं देख सकता।
-चाणक्य
युवक से अर्थ है ऐसा मन, जो सादा सीखने को तत्पर है-ऐसा मन जिसे यह भ्रम पैदा नहीं हो गया है कि जो भी जानने योग्य था वह जान लिया है।
-ओशो
प्रत्येक युवा मनुष्य को संसार में प्रवेश करते समय यही सोचना चाहिए कि मैं संसार में विजय प्राप्त करेन के लिए आया हूँ और साथ ही उसे अपनी कि उसे अपनी योग्यता पर पूर्ण विश्वास होना चाहिए।
-स्वेट मार्डन
कभी उस व्यक्ति से मित्रता मत करो जिसने तीन मित्रा बनाकर त्याग दिए हैं।
-सवेटर
जीवन में मित्रता से बढ़कर कोई बहुमूल्य वस्तु संचित करने-योग्यनहीं
-जाॅन्सन

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