दृढ़ निश्चय

जीवन में कुछ व्यक्तिगत गुण आपके समूचे जीवन को बदल देते हैं, दृढ़ निश्चय उनमें से एक है। सफलता प्राप्त करने के लिए दृढ ़निश्चय अति आवश्यक है। सफल बनने के लिए सबसे पहला पड़ाव है ‘लक्ष्य’ निर्धारण। लक्ष्य निर्धारण के पश्चात उस लक्ष्य के प्रति दृढ़निश्चयी बनने की आवश्यकता होती है। अक्सर देखा जाता है, किसी व्यक्ति विशेष ने अपना ‘लक्ष्य’ तो निर्धारित कर लिया पर वह उसके प्रति दृढ़ निश्चयी नहीं। 

‘लक्ष्य’ निर्धारित करने के उपरांत वह उस लक्ष्य से घबराने लगता है। यह पलायनवादी प्रवृत्ति ही उसकी सबसे बड़ी कमजोरी बनती है और वह हार जाता है। यह हार ही उसकी असफलता बनती है। लगभग 95% लोगों की असफलता का कारण उनमें दृढ निश्चिय की कमी होना है। इसके विपरीत यदि वह हार न मानकर दृढ़ निश्चय के साथ उस लक्ष्य को प्राप्त करने का प्रयास करे तो उसे सफलता अवश्य ही मिलेगी। उसे दृढ़ निश्चिय कर लेना चाहिए आखिर कब तक उसे असफलता मिलेगी एक न एक दिन तो ‘मैं’ इसमें सफल होकर रहूँगा। तो उस अवश्य ही सफलता मिलकर रहेगी।
‘विल पावर’ (Will Power) को मजबूत बनाने के लिए ‘दृढ़-निश्चय’ सबसे कारगर हथियार है। दृढ़-निश्चय से आप अपनी इच्छा को परिणाम में परिवर्तित कर सकते हैं। अपने अनुकूल परिणाम प्राप्त करने के लिए आपको दृढ़ निश्चयी बनना होगा। सफल व्यक्ति अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दृढ़ निश्चयी होता है। उन्हें प्रत्येक स्थिति में अपने लक्ष्य को भेदना होता है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी की एक कविता की कुछ पंक्तियाँ इस प्रकार है।
हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठनूंगा
आप भी हार मत मानो रार मत ठानो। अटलजी के इसी दृढ़ निश्चय नें ही उन्हें एक दिन पत्रकार से देश का प्रधानमंत्री बना दिया। वह देश के शिखर पुरुष बन गए, आप भी अटलजी जैसा अटल निश्चय पालो। परिस्थितियों से समझौता मत करो। हार कभी मत मानो, अपने ‘लक्ष्य’ के प्रति अटल रहो। ‘लक्ष्य’ को प्राप्त करने की दिशा में डटे रहो। देखना कामयाबी अवश्य ही आपके कदम चूमेगी। दृढ़ निश्चयी बनने के लिए आपको जिद्दी बनना पड़ेगा अर्थात अपने ‘लक्ष्य’ को प्राप्त करने के लिए आपको हरसंभव प्रयास करना पड़ेगा। सफल होने की जिद्द ही आपको ‘सफलता’ प्रदान करवाएगी।
असफल होने के पीछे सर्वाधिक प्रमुख कारण होता है, दृढ निश्चय का अभाव होना। अधिकतर लोगों में दृढ़ निश्चय की कमी होती है। दृढ़ निश्चय की कमी के कारण ही लोगों प्रयास नहीं कर पाते। उन्हें उनका ‘लक्ष्य’ कठिन लगने लगता है। ‘लक्ष्य’ के कठिन लगने के कारण वे उसके ‘लक्ष्य’ से भटक जाते हैं। ‘लक्ष्य’ से भटकने के कारण उन्हें सफलता से विमुख होना पड़ता है। किसी व्यक्ति विशेष की दृढ़ इच्छाशक्ति, उसे उसके लक्ष्य के प्रति दृढ़-निश्चयी बनाती है। इच्छा जितनी क्षीण होगी, निश्चय उतना ही कमजोर होगा। इच्छा जितनी तीव्र होगी निश्चिय उतना ही दृढ़ तथा मजबूत होगा। जिस प्रकार चाय में जितना मीठा डालोगे, उतनी ही मिठास होगी, इसी प्रकार का सीधा संबंध इच्छा तथा दृढ़ निश्चय के बीच है। अब यह आपके ऊपर है कि आप लक्ष्य प्राप्ति की अपनी इच्छा को कितना तीव्र बनाना चाहते हैं।
दृढ़ निश्चय परिस्थितियों को अपने पक्ष में मोड़ने में सहायक होता है। बिना दृढ़ निश्चिय के आपको हार का सामना ही करना पड़ेगा। जीत की आदत डालने के लिए आपको दृढ़ निश्चिय को अपना चारित्रिक गुण बनाना है। तभी आप सफलता का सोपान कर पाओगे अन्यथा जो आपके जीवन में हो रहा है, वैसा ही चलता रहेगा। उसमें बदलाव चाहते हो तो, बदलाव दृढ़ इच्छा जागाओ फिर उसे पाने के लिए ‘दृढ़ निश्चय करो’ आपको हर हाल में उसे प्राप्त करना ही है। यही है सफल बनने का राज।
सफल व्यक्तियों का सबसे प्रमुख चारित्रिक गुण दृढ निश्चय ही होता है। आप कभी सफल व्यक्ति एवं स्वयं में तुलना करके देखें। आप पाओगे की सफल व्यक्ति में अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की दृढ़ इच्छा है और दृढ़ इच्छा ही उसे लक्ष्य के प्रति दृढ़ निश्चयी बनती है, दृढ़ निश्चय उसे सफलता की ओर ले जाता है। आप भी उसकी तरह बन सकते है, इसके लिए आपको भी स्वयं में ‘लक्ष्य’ प्राप्ति के प्रति दृढ़ निश्चयी बनना होगा। कभी किसी कार्य को आधे-अधूरे मन से मत करो, उसे पूरे समर्पण के साथ करो। उसमें किसी भी प्रकार की न-नुकुर मत करो। आपको तो बस उस कार्य को पूरा करना ही है। इसको आपनी आदत बनाओ।
µनिर्धारित करो आपको क्या चाहिए, यह दृढ़ निश्चय का प्रथम पड़ाव है। 
µ उसको प्राप्त करने के लिए हर संभव प्रयास करो। कठिनाईयों पर विजय प्राप्त करना सीखो।
µ अपनी इच्छाओं को तीव्र बनाओ। इच्छाओं की पूर्ति के लिए एक निश्चित कार्ययोजना का खाका तैयार करो। उस पर अमल करो, मन में विश्वास जागाओ कि आप अपनी इच्छा की पूर्ति करने में सक्षम है या आप अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सक्षम है।
µ अनुमान लगाने की अपेक्षा सटीक आंकलन पर विश्वास करो। 
µ ऐसे लोगों के साथ रखो जो आपको समझने का प्रयास करे, आपसे सहानुभूति रखें। आपको ‘लक्ष्य’ प्राप्त करने की दिशा में समय-समय पर प्रेरित करते रहें। 
µ अपनी संकल्प-शक्ति को मजबूत करो। स्वयं में विश्वास जागाओ आप अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सक्षम हैं। साहसी बनो, डर को दूर भागाओ। 
µ सदैव सकारात्मक सोचो। सकारात्मक सोच का आपके जीवन पर जादूई असर होगा। यह सोच आपके लक्ष्य के प्रति प्रेरित करेगी।
इसमें कोई संदेह नहीं कि दृढ़ निश्चय के साथ किसी कार्य को करने वाला व्यक्ति उसे आवश्य ही सफल होता है। दृढ़ निश्चय आपको अपने लक्ष्य के प्रति प्रेरणा शक्ति प्रदान करता है। सफल व्यक्तित्वों का ध्यान पूर्वक अध्ययन करने पर हम पाएंगे कि वे भी हमारी तरह ही हाड़-मांस के पुतले थे पर उनकी सबसे बड़ी विशेषता उनका दृढ़ निश्चय था। दृढ़ निश्चय की शक्ति मूर्ख को बुद्धिमान तथा सुस्त को चुस्त बना सकती है। अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़ निश्चयी व्यक्ति को रोक पाना कठिन होता है। सफलता के प्रत्येक पड़ाव पर दृढ़ निश्चय आपका मददगार होगा। दृढ़ निश्चय जीवन में कठिनाइयों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है।
दृढ़ निश्चय कार्य के प्रति सर्पण भाव पैदा करता है। अति दृढ़ निश्चयी न होने पर आप ‘लक्ष्य’ के प्रति पूर्णतः समर्पित नहीं हो पाएंगे जिससे समुचित शारीरिक एवं मानसिक ऊर्जा का उपयोग नहीं कर पाएंगे। ‘लक्ष्य’ के प्रति दृढ़ निश्चियी होने पर ही सफलता अर्जित की जा सकती है।

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